Chhoti SIPs: ₹250 वाली ‘छोटी SIP’ की पहचान शुरू, KFin Technologies ने दूर की तकनीकी रुकावटें

यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब AMFI ने हाल ही में कहा था कि ₹250 की SIPs तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं Chhoti SIPs: घरेलू म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए दो रजिस्ट्रार और…

Chhoti SIPs: ₹250 वाली ‘छोटी SIP’ की पहचान शुरू, KFin Technologies ने दूर की तकनीकी रुकावटें
aarti gosavi

Last Updated: November 22, 2025 | 11:09 AM IST

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हाइलाइट्स

  • यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब AMFI ने हाल ही में कहा था कि ₹250 की SIPs तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं Chhoti SIPs: घरेलू म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए दो रजिस्ट्रार और…

यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब AMFI ने हाल ही में कहा था कि ₹250 की SIPs तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं

Chhoti SIPs: घरेलू म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के लिए दो रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (RTAs) में से एक केफिन टेक्नोलॉजीज (KFin Technologies) ने बुधवार को बताया कि वह ‘छोटी SIPs’ की पहचान करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कंपनी के अनुसार, अब तक करीब 150 SIP खातों को इस कैटेगरी में चिन्हित किया जा चुका है।

यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब AMFI ने हाल ही में कहा था कि ₹250 की SIPs तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। KFin का कहना है कि सिस्टम को छोटे निवेशों को सहजता से पहचानने और प्रोसेस करने के लिए अपग्रेड किया गया है।

छोटी SIPs की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती

AMFI के सीईओ वेंकट एन चेलसानी के अनुसार, सबसे बड़ी चुनौती इन छोटी SIPs की पहचान करना थी, और यह जिम्मेदारी RTAs (रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट) के पास आती है।

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रेगुलेटर ने उद्योग से जुड़े हितधारकों के साथ मिलकर छोटी राशि वाली SIPs के लिए सब्सिडाइज्ड कॉस्ट स्ट्रक्चर तैयार किया था, ताकि फंड हाउस कम रकम वाले निवेश भी आसानी से स्वीकार कर सकें। फिलहाल कई मिड-साइज और छोटे फंड हाउस ऐसी छोटी SIP विकल्प उपलब्ध नहीं कराते हैं।

हालांकि कम फीस वाली यह सुविधा केवल पहले तीन फंड हाउस के लिए उपलब्ध है जिनके साथ कोई निवेशक ‘छोटी SIP’ रजिस्टर करता है।

RTA करेंगे शुरुआती वेरिफिकेशन

KFin के अनुसार अब इन SIPs की पहचान की चुनौती हल हो चुकी है।

कंपनी ने कहा, “RTA मानदंडों के आधार पर शुरुआती वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद केवल योग्य PAN को बैच मोड में KYC रजिस्ट्री एजेंसियों (KRAs) के पास भेजा जाएगा, ताकि वे यह अंतिम पुष्टि कर सकें कि निवेशक के KYC डेटा को सबसे पहले किन तीन फंड हाउसों ने उपयोग किया है। ‘छोटी SIP’ का टैग देना पूरी तरह KRAs से मिली जानकारी पर आधारित होगा।