EPFO Enrolment Scheme 2025: कामगारों के लिए इसका क्या फायदा होगा? आसान भाषा में समझें

नई EPFO स्कीम के तहत एम्प्लॉयर को योग्य कर्मचारियों को शामिल करने और पूरे भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाने के लिए छह महीने का मौका दिया गया है सरकार ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 लॉन्च की है, ताकि ज्यादा…

EPFO Enrolment Scheme 2025: कामगारों के लिए इसका क्या फायदा होगा? आसान भाषा में समझें
aarti gosavi

Last Updated: November 21, 2025 | 10:22 AM IST

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हाइलाइट्स

  • नई EPFO स्कीम के तहत एम्प्लॉयर को योग्य कर्मचारियों को शामिल करने और पूरे भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाने के लिए छह महीने का मौका दिया गया है सरकार ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 लॉन्च की है, ताकि ज्यादा…

नई EPFO स्कीम के तहत एम्प्लॉयर को योग्य कर्मचारियों को शामिल करने और पूरे भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज बढ़ाने के लिए छह महीने का मौका दिया गया है

सरकार ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 लॉन्च की है, ताकि ज्यादा से ज्यादा भारतीय मजदूरों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में लाया जा सके। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने इस योजना की घोषणा 1 नवंबर को की थी। यह कदम भारत के सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और नियोक्ताओं (Employers) को स्वेच्छा से नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्या है कर्मचारी नामांकन योजना 2025?

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, कर्मचारी नामांकन योजना-2025 एक एक बार का विशेष मौका है, जिसमें नियोक्ता (Employers) उन कर्मचारियों को स्वेच्छा से घोषित कर सकते हैं और दर्ज करा सकते हैं, जो पहले EPF कवरेज से बाहर रह गए थे।

  • यह योजना उन कर्मचारियों पर लागू होती है जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी प्रतिष्ठान में शामिल हुए, लेकिन किसी वजह से EPF में नामांकित नहीं हो पाए।
  • यह योजना छह महीने तक खुली रहेगी, यानी 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक।
  • नियोक्ता EPFO के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए पात्र कर्मचारियों को घोषित कर सकते हैं और कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत पुरानी अनुपालन (Past compliance) को नियमित कर सकते हैं।

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एम्प्लॉयर्स के लिए फायदे और राहत

यह योजना एम्प्लॉयर्स के लिए अनुपालन (Compliance) आसान बनाती है और उन्हें कई तरह की राहत देती है।

  • कर्मचारी का हिस्सा नहीं देना होगा: अगर पहले कर्मचारी का PF हिस्सा नहीं काटा गया था, तो एम्प्लॉयर्स को पुराने समय के लिए कर्मचारी का हिस्सा जमा नहीं करना होगा।
  • नाममात्र का जुर्माना: पूरे प्रतिष्ठान पर सिर्फ 100 रुपये का फ्लैट जुर्माना लगेगा, जो EPF की सभी तीन योजनाओं पर लागू होगा।
  • सीमित जिम्मेदारी: एम्प्लॉयर्स को सिर्फ अपना हिस्सा, ब्याज और प्रशासनिक शुल्क देना होगा।
  • ज्यादा दायरा: जिन प्रतिष्ठानों पर EPF अधिनियम की धारा 7A, या कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के पैरा 26B या पैरा 8 के तहत जांच चल रही है, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो एम्प्लॉयर इस योजना का फायदा उठाएंगे, उनके खिलाफ उन कर्मचारियों के लिए अपने आप कोई अनुपालन कार्रवाई (suo motu action) नहीं की जाएगी, जो पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं।

मजदूरों और अर्थव्यवस्था को कैसे मिलेगा फायदा?

सरकार का कहना है कि यह योजना “सबके लिए सामाजिक सुरक्षा” (Social Security for All) के लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम है। इससे लाखों कर्मचारी — खासकर छोटी कंपनियों या पहले से अनरजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों में काम करने वाले — अब EPF के फायदे, जैसे रिटायरमेंट बचत, बीमा और पेंशन, हासिल कर सकेंगे।

मजदूरों को EPFO के ढांचे में शामिल करने से यह योजना कई तरह के सकारात्मक असर लाएगी:

  • कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता और नौकरी की सुरक्षा बढ़ेगी।
  • अनुपालन आसान होने से कारोबार करना भी आसान होगा।
  • और भारत की श्रमशक्ति को औपचारिक बनाने के लंबे समय से चले आ रहे लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।

योजना लॉन्च करते हुए मांडविया ने कहा, “EPFO सिर्फ एक फंड नहीं है, यह भारत की श्रमशक्ति का सामाजिक सुरक्षा पर भरोसा है।”

क्या निकलेगा नतीजा?

कर्मचारी नामांकन योजना 2025 नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के लिए एक मौका है, जिससे वे भारत के बढ़ते सामाजिक सुरक्षा ढांचे से जुड़ सकें। सरकार का कहना है कि एक ऐसा सिस्टम जो हर मजदूर को सुरक्षित वित्तीय भविष्य का हक देने की दिशा में काम कर रहा है।