Gold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?

साल 2025 में अब तक, गोल्ड ईटीएफ में कुल नेट इनफ्लो 27,573 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जिससे यह पैसिव इन्वेस्टमेंट कैटेगरी के सबसे स्थिर और मजबूत सेगमेंट्स में से एक बन गया है Gold ETFs: भू-राजनीतिक तनाव, ब्याज दर…

Gold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?
aarti gosavi

Last Updated: November 22, 2025 | 11:27 AM IST

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हाइलाइट्स

  • साल 2025 में अब तक, गोल्ड ईटीएफ में कुल नेट इनफ्लो 27,573 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जिससे यह पैसिव इन्वेस्टमेंट कैटेगरी के सबसे स्थिर और मजबूत सेगमेंट्स में से एक बन गया है Gold ETFs: भू-राजनीतिक तनाव, ब्याज दर…

साल 2025 में अब तक, गोल्ड ईटीएफ में कुल नेट इनफ्लो 27,573 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जिससे यह पैसिव इन्वेस्टमेंट कैटेगरी के सबसे स्थिर और मजबूत सेगमेंट्स में से एक बन गया है

Gold ETFs: भू-राजनीतिक तनाव, ब्याज दर की अनिश्चितता और सोने की कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव के बीच अक्टूबर 2025 में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (Gold ETFs) में निवेश में हल्की गिरावट देखने को मिली। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में रिकॉर्ड 8,363 करोड़ रुपये के मंथली इनफ्लो के बाद अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में निवेश 7 फीसदी घटकर 7,743 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है और निवेशकों की सोने के प्रति दिलचस्पी अभी भी मजबूत बनी हुई है। उनके अनुसार, सोने को सुरक्षित निवेश साधन और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के अहम विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

Gold ETFs में निवेशकों की दिलचस्पी मजबूत

गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बनी हुई है। साल 2025 में अब तक, गोल्ड ईटीएफ में कुल नेट इनफ्लो 27,573 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं, जिससे यह पैसिव इन्वेस्टमेंट कैटेगरी के सबसे स्थिर और मजबूत सेगमेंट्स में से एक बन गया है।

मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेज सुरंजना बोरठाकुर ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से गोल्ड ईटीएफ में लगातार 7,000–8,000 करोड़ रुपये के हेल्थी इनफ्लो देखे जा रहे हैं, क्योंकि निवेशक इस सुरक्षित निवेश साधन में अपनी हिस्सेदारी बनाए हुए हैं। पिछले एक साल में इस कैटेगरी में मिले अच्छे रिटर्न ने भी निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है।”

अन्य एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में भी 6,182 करोड़ रुपये का निवेश आया, जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 8,151 करोड़ रुपये था। उन्होंने आगे कहा कि अन्य ईटीएफ में भी पिछले कुछ महीनों में अच्छे इनफ्लो देखने को मिले हैं, जिससे संकेत मिलता है कि इस सेक्टर में निवेशकों की रुचि और भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

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Gold ETFs में बदल रहा एसेट एलोकेशन

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, “हम जो रुझान देख रहे हैं, वह स्पष्ट रूप से गोल्ड और सिल्वर जैसी कमोडिटीज के पक्ष में एसेट एलोकेशन में बदलाव का संकेत देता है। पिछले दो महीनों में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) की नेट सेल्स 300% बढ़कर पिछले महीने 7,500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा, गोल्ड में एक्सपोजर वाले मल्टी-एसेट फंड जैसे एसेट एलोकेशन फंड्स में भी स्थिर रूप से 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनफ्लो देखा जा रहा है, जो छह महीने पहले लगभग 2,000 करोड़ रुपये था।”

उन्होंने आगे कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं कि पिछले एक साल में गोल्ड और सिल्वर ने शेयर बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है, और इसी वजह से निवेश आवंटन में यह बदलाव पूरी तरह से अपेक्षित है।

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Gold ETFs का AUM ₹1 लाख करोड़ के पार

अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ के तहत एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये हो गईं। स्मॉलकेस के इन्वेस्टमेंट मैनेजर कार्तिक जोनागडला ने कहा, “भारत के गोल्ड ईटीएफ अब शॉर्ट टर्म ट्रेड से आगे बढ़कर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी का हिस्सा बन रहे हैं। अगस्त में 2,189.51 करोड़ रुपये के नेट इनफ्लो से यह सितंबर में रिकॉर्ड 8,363.13 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और अक्टूबर में भी 7,743 करोड़ रुपये के ऊंचे स्तर पर बना रहा। AUM के 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करना इस बात का सबूत है कि यह सिर्फ एक बार का उछाल नहीं, बल्कि स्थायी रुझान है।”

जोनागडला ने आगे कहा, “लगातार और ऊंचे इनफ्लो, पैसिव फंड्स में बढ़ती हिस्सेदारी और 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की एयूएम के साथ, भारत में गोल्ड ईटीएफ अब डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक हिस्सा बन गए हैं।”